90 दशक के 5 प्रमुख भोजपुरी गायक और उनका योगदान
भोजपुरी संगीत उद्योग ने 90 के दशक में बहुत प्रगति की, और इस दौरान कई गायकों ने अपने सुरों से इस संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इस दौर में भोजपुरी गाने मुख्य रूप से पारंपरिक लोकगीत, शादी के गीत, छठ पूजा गीत, और फिल्मों के गीतों के रूप में प्रसिद्ध हुए। आइए जानते हैं 90 के दशक के 5 प्रमुख भोजपुरी गायकों और उनके योगदान के बारे में।
शारदा सिन्हा – छठ गीतों की स्वर कोकिला
शारदा सिन्हा का नाम भोजपुरी लोकसंगीत में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। वे बिहार के छपरा जिले से ताल्लुक रखती हैं और उन्होंने भोजपुरी के अलावा मैथिली और मगही भाषा में भी गाने गाए हैं। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह रही कि उन्होंने छठ पूजा के पारंपरिक गीतों को एक नया और सुरीला रूप दिया। उनके गीतों में बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक झलक साफ दिखाई देती है। वे भारत सरकार द्वारा पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। उनके प्रसिद्ध गानों में “पटना के घाटे पर”, “कईले बानी सोनवा के गहना” और “हे गंगा मइया तोहरे अरघ के बिना” शामिल हैं।
मनोज तिवारी – भोजपुरी पॉप संगीत के जनक
मनोज तिवारी 90 के दशक के सबसे प्रसिद्ध भोजपुरी गायकों में से एक हैं। वे एक गायक होने के साथ-साथ अभिनेता और राजनेता भी हैं। उन्होंने भोजपुरी पॉप संगीत को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई। उनके गीतों में पारंपरिक भोजपुरी धुनों के साथ-साथ मॉडर्न टच भी देखने को मिलता था, जिससे युवा पीढ़ी को भोजपुरी संगीत से जोड़ने में मदद मिली। उनकी गायकी ने भोजपुरी सिनेमा को भी नई पहचान दिलाई। उनके सबसे प्रसिद्ध गानों में “बगल वाली जान मारेली”, “सईंया जी दिलवा मांगेली” और “रिंकिया के पापा” शामिल हैं। उनके गाने 90 के दशक में हर भोजपुरिया प्रेमी की जुबान पर होते थे और आज भी उनके गीतों को लोग पसंद करते हैं।
कल्पना पटवारी – भोजपुरी की म्यूजिकल क्वीन
कल्पना पटवारी का नाम भोजपुरी संगीत जगत में काफी ऊंचा है। वे मूल रूप से असम की रहने वाली हैं, लेकिन उन्होंने भोजपुरी में सैकड़ों हिट गाने गाए हैं। उन्होंने भोजपुरी लोकगीतों और भक्ति संगीत में विशेष योगदान दिया है। उनकी गायकी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि वे बिरहा, निर्गुण, देवी गीत, कजरी और सोहर जैसी विभिन्न भोजपुरी संगीत शैलियों को गाती हैं। उनकी आवाज़ में जो मिठास और गहराई है, वह भोजपुरी संगीत प्रेमियों को आज भी मंत्रमुग्ध कर देती है। उनके प्रसिद्ध गानों में “सईंया बिरान भएले”, “ई पगली तोहरे खातिर” और “नदिया के पार” शामिल हैं।
गुड्डू रंगीला – भोजपुरिया मस्ती के राजा
गुड्डू रंगीला 90 के दशक में भोजपुरी संगीत में अपनी एक अलग पहचान बना चुके थे। उनके गानों में रोमांस, हास्य और देहाती रंग का अद्भुत मिश्रण था। उन्होंने डांस और रोमांटिक गानों को भोजपुरी संगीत का अहम हिस्सा बनाया। वे अपने हास्य से भरपूर गानों के लिए भी जाने जाते थे और उनकी म्यूजिक स्टाइल को युवा पीढ़ी ने भी बहुत पसंद किया। उनके गाने शादी और नाच-गाने के मौकों पर बेहद लोकप्रिय हुआ करते थे। उनके प्रसिद्ध गानों में “ओढ़नी वाली”, “तोर नयन बज्र के धार” और “रुपवा देखा के तोहर” शामिल हैं।
बलेश्वर यादव – भोजपुरी के महान लोकगायक
बलेश्वर यादव का नाम भोजपुरी संगीत में अत्यंत श्रद्धा से लिया जाता है। वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और उन्होंने भोजपुरी लोकसंगीत को जन-जन तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने बिरहा और लोकगीतों को बहुत ही सुरीले अंदाज में प्रस्तुत किया। उनके गीतों में किसानों, मजदूरों और आम आदमी के जीवन की झलक मिलती थी। उनकी आवाज़ में एक अनोखी कशिश थी, जो सीधे दिल तक पहुंचती थी। उनके प्रसिद्ध गानों में “ऐ हो ड्राइवरवा, स्लो चलाव”, “करिया बरन के छौड़ी” और “भइया मोर बाबा के भुला गइलें” शामिल हैं।
निष्कर्ष
90 के दशक के भोजपुरी संगीत ने इस क्षेत्रीय भाषा के संगीत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। शारदा सिन्हा की भक्ति और छठ गीतों से लेकर मनोज तिवारी के पॉप भोजपुरी गानों तक, इन गायकों ने भोजपुरी संगीत को न केवल भारत में बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय बनाया। आज भी इनके गीतों को लोग उतने ही प्यार से सुनते हैं, जितना 90 के दशक में सुना जाता था। इन गायकों की मधुर आवाज़ और उनके योगदान को भोजपुरी संगीत प्रेमी कभी नहीं भूल सकते।